Know The Different Features of Small Animals And Insects:-
इस धरती पर मनुष्य से ज्यादा यदि कोई जीव हैं तो ओ हैं कीड़े और छोटे जीव जिनकी संख्या अनगिनत है और कुछ खास विशेषताएं हैं| तो आज हम इस पोस्ट में माध्यम से उन्ही कुछ खास विशेषताओं और कुछ रोचक जानकारी के बारे में जानेंगे |
DO YOU KNOW !!
* चीटियाँ (Ants) अपने वजन से लगभग 50 KG ज्यादा वजन उठा सकती हैं जिनकी सबसे बड़ी प्रजाति ब्राज़ील में पाई जाती है जिनकी लम्बाई मात्र 6 ml ही होती है |इनके कान नहीं होते हैं ये कम्पन के माध्यम से सुनते हैं |इनमे फेफड़े नहीं होने के कारन ये पूरा दिन पानी में रह सकते हैं| बुलेट नाम की चींटी का डंक इतना तीव्र होता है की इससे किसी भी जीव को बहुत तेज दर्द हो सकता है एक उच्च वोल्टेज के करेंट जितना | चीटियां अपने पीछे फेरोमोंस नामक रसायन छोड़ती हैं जिसकी गंध से बाकि चीटियां एक-दूसरे के पीछे-पीछे हमेशा एक कतार में चलती हैं | चीटियों का अपना-अपना एक अलग दल होता है जिसमे कुछ सैनिक ,सेवक,तो कुछ खाना खोजने वालों का दल होता है ये एक-दूसरे से कभी नहीं लड़ती हैं |
* गिरगिट(Lizard) की कई प्रजातियां होती हैं जीना रंग,रूप भी अलग-अलग होता है | इनकी आँखों में अलग सी सकती होती है जिसकी वजह से ये आँखों को सभी दिशाओं में घुमा सकती है और 5-10 मीटर तक अपने शिकार को देख पाती है | इनके जीभ की लम्बाई इनके शरीर की लम्बाई से दुगुना होता है| इनकी कुछ प्रजातियों में वातारण के अनुसार रंग बदलने की अनोखी ताकत होती है जो उन्ही दुश्मनों से भी बचाती है |
*मेढ़क (Frog)एक ऐसा जीव है जो सभी स्थानों में पाया जाता है जैसे गरम,ठंडा,समुद्री स्थल व वर्षा स्थानों में | ये वातावरण के अनुसार अपने शरीर का तापमान बढ़ा व घटा सकता है | ये पानी नहीं पी सकते हैं पानी की जरूरत पड़ने पर ये अपनी त्वचा से पानी को अवशोषित करके पूरा करते हैं| इनकी कई प्रजातियां पाई जाती हैं जिसमे कनाडा का bull frog बहुत ही तेज आवाज निकलता है जिसकी आवाज 1-2 मील तक सुनाई पड़ती है | मेढक को किसानो का दोस्त भी कहा जाता है क्योंकि ये अपने वजन के बराबर कीड़ों को खाकर उनके फसलों को बचाते हैं |
* मधुमक्खी(Bees) के 20,000 प्रजातियां होती है पर इनमे से केवल 4 प्रकार की प्रजातियो में केवल रानी मक्खी ही शहद बनाने का काम करती हैं | इनके कान नहीं होते ये सुनने का काम अपने सर पे उठे एंटीना से करते हैं तथा सूंघने की क्षमता मनुष्यों से भी ज्यादा होती है | इनका दो पेट होता है एक जिसमे वे खाना खाते हैं और एक जिसमे वे फूलों का रस जमा करते हैं | इनके उड़ने की रफ्ता 15 KM /H होती है | इनका छता मोम का बना होता है तथा शहद का रंग फूलों के रस पर निर्भर करता है |
* झींगुर(Cricket)तापमान गर्म और ठण्ड में आवाज भी अलग-अलग निकालते हैं |ये छलांग लगाने वाले जीवो की एक प्रजाति है जो सभी जगह पाए जाते हैं |
* धरती पर तितलीयों (Butterfly) की 24000 से भी ज्यादा प्रकार की प्रजातियां पाई जाती है | इनकी आँखों में 6000 लेंस होते हैं जिनकी मदद से ये अल्ट्रावॉयलेट किरणों और केवल लाल,हरा,तथा पीला रंग ही देख पाती हैं | तितलियों के पंख पारदर्शी होते है इनके पंखो पर लगे एक पतले परत की वजह से प्रकाश परावर्तित होने के कारन हमे ओ रंगीन दिखता है | उड़ने की रफ्तार के साथ-साथ इनका दिमाग भी तेज होता है |
* बिच्छू(Scorpion)अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के लगभग सभी कोनो में पाया जाने वाला एक जहरीला आर्थोपोडा (शरीर का दो भाग होना एक सर वाला और एक उदर वाला ) कीट है जिसकी 2000 के लगभग प्रजातियाँ पाई जाती है जो ज्यादातर उष्ण क्षेत्र ,पुराणी इमारते ,पत्थर व मिट्टी में पाए जाते हैं और ये ज्यादातर रात में ही बहार निकलते हैं| इसकी सभी प्रजातियां खतरनाक नहीं होती है पर कुछ प्रजातियां इतनी खतरनाक होती है की इसके जहर से किसी की भी मौत हो जाए | इसके डंक के दर्द को कम करने के लिए डंक वाले स्थान पर नमक और प्याज का रस लगाने से दर्द कम हो जाता है | माना जाता है की यदि बिच्छू के ऊपर अलकोहल डाला जाय तो वे बेचैन हो जाते हैं |
* घोंघा (Snail) बेहद धिरे चलने वाले जीवों में घोंघा एक शाकाहारी जीव है जो नमी युक्त घास और मिट्टी में पाया जाता है | इनका शरीर नरम एवं पीठ पर एक कड़ा खोल होता है खतरा होने पर ये उसमे छुप जाते हैं | पानी में रहने वाले कुछ घोंघे जहरीले होते हैं खुछ घोंघों को खाने के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है |
* दीमक(Termite) दीमक सफेद रंग के बहुत ही छोटे किट होते हैं जो नमी वाले स्थानों ,सड़े-गले समानो लकड़ियों आदि में पाए जाते हैं | चीटियों की तरह इनके भी अलग-अलग समूह होते हैं जिसमे सिपाही,मजदूर आदि इनमे जो मादा दीमक होते हैं उनके पंख होते है जो हमेसा ग्रुप में रहते हैं | ये जिस भी किताब,पेड़ या लकड़ी के सामान में लग जाये तो उसे पूरा खाकर ख़त्म क्र देते हैं| इससे बचाव के लिए सामानों को धूप दिखाकर या कुछ दवाओं का इस्तेमाल कर किया जा सकता है | रानी दीमक एक दिन में लगभग 40 हजार अंडे देती है |
* फतिंगा (Moth) फतिंगा तितली की प्रजाति का एक किट है जो उससे थोड़ा छोटा होता है ये ज्यादातर रात के रौशनी में उड़ते दिखते हैं |
* टिड्डी (Grasshopper) टिड्डियों की लगभग 11000 प्रजातियां होती है जो अंटार्कटिका को छोड़कर सभी स्थानों पर पाए जाते हैं | ये 13 km/h की रफ्तार से उड़ और लगभग 25 cm ऊंचा व 1 m दूर तक कूद सकते हैं | ये शाकाहारी होते हैं और ज्यादातर घास ,मक्का,जौ आदि खाना पसंद करते हैं इस जिस वजह से इन्हे किसानो का दुश्मन भी कहा जाता है | ये एक दिन में अपने वजन के बराबर खाना खा सकती है | सऊदी अरब को टिड्डियों का देश भी कहा जाता है क्योकि वहा के रेगिस्तानी इलाको में टिड्डियों का बसेरा बहुत ज्यादा होता है | 2020 अप्रैल में कोरोना काल के समय टिड्डियों का झुंड पहली बार भारत-पाकिस्तान सीमा पर दिखा जो बहुत ही बड़ी संख्या में था |
* जोंक (Leech) जोंक एक प्रकार का परजीवी जीव है जो भोजन के लिए दुसरो पर निर्भर रहता है ये मनुष्यों और अन्य जीवों पर चिपकर उसका खून चूसने वाला जीव है | ये पानी वाले स्थानों ,दलदल ,मिटटी आदि में पाए जाते हैं | इनका आकर लगभग 10 cm होता है पर खून चलने के बाद 20-30 cm तक जाता है | इनपर नमक डालने पर नमक इनके अंदर के पानी को अपनी ओर खींचने लगता हैं जिस कारण इनका शरीर काम करना बंद क्र देता है और साथ-साथ खून भी बाहर आने लगता है और ये मर जाते हैं | इनका इस्तेमाल कई तरह की बिमारियों में भी किया जाता है | इन्हे किसानो का मित्र भी कहा जाता है क्योंकि ये मिटटी में रह कर मिटटी को उपजाऊ बनाते हैं |
चूहा (Rats) चूहा दुनिया के हर कोने में पाया जाने वाला जीव है जिसकी 60 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है जिसमेएशिया पहले स्थान पर है चूहों में कुछ भी कुतरते रहने का एक खास गुण होता है जो उनके दांतो के लगातार बढ़ने की वजह से होता है ऐसा न करने इनकी मौत भी हो सकती है | इन्हे यदि 10 मंजिला इमारत से भी गिराया जाये तो ये बच सकते है ये बिना पानी के भी कई दिनों तक रह सकते है ऊंट के समान | इनकी याद्दाश बहुत ही तेज होती है इतना की इन्हे जिस घर से निकला जाता है वे दुबारा उसी घर में वापस आ जाते हैं | इनके दांत स्टील और कॉपर से भी मजबूत हैं | ये जीव कई बीमारियों के वाहक भी हैं जैसे प्लेग और वायरल बुखार | कहीं-कहीं इनकी पूजा भी की जाती है | पर ये अनाज के सबसे बड़े दुश्मन कहे जाते है हर साल ये कितने सारे अनाजों का नुकसान कर हैं |
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